Sevagya Sansthanam, B 38/195-Z-1-K-A, Tulsipur, Mahmoorganj Varanasi
Sevagya Sansthanam, B 38/195-Z-1-K-A, Tulsipur, Mahmoorganj Varanasi
परम पूज्य आचार्य श्री मिथिलेशनन्दिनीशरण जी महाराज के मार्गदर्शन में सेवाज्ञ संस्थानम् तीर्थराज प्रयाग में सेवा, संवाद और सहकार के दिव्य लक्ष्यों के साथ...
1- यात्री सुविधा, भोजन जलपान वितरण, निःशुल्क नेत्र चिकित्सा, यात्री सहायता, वस्त्र वितरण
2- कथा प्रवचन सनातन धर्म ज्ञान सत्र भारतीय ज्ञान परम्परा पर व्याख्यान परिचर्चा/प्रश्नोत्तरी
3- पर्यावरण जागरण प्रदूषण रोधक प्रयास स्वच्छता संदेश एव अभ्यास सामूहिकता पर अनुसन्धान युवा समागम
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - 9369203020
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पंडित मदनमोहन मालवीय जी के जीवन और कार्यों को भावी पीढ़ियों तक पहुँचाने के उद्देश्य से 'सेवाज संस्थानम् काशी' के स्वयंसेवकों द्वारा 'महामना महोत्सव' का आयोजन किया जा रहा है। यह महोत्सव सांस्कृतिक संकट के दौर में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जब मोबाइल और टीवी के माध्यम से बालमनोविज्ञान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे समय में, यह प्रयास वर्तमान पीढ़ी की ऊर्जा और बुद्धिमत्ता को सकारात्मक दिशा में मार्गदर्शन देने के लिए किया जा रहा है।
पूज्य श्री मिथिलेशानंदिनीशरण जी महाराज, जो भारतीय संस्कृति के प्रखर व्याख्याता हैं और युवा धर्म संसद के आयोजन के माध्यम से युवाओं में भारतीयता की भावना जागृत करने का अद्वितीय प्रयास कर रहे हैं, इस कार्यक्रम के संरक्षक भी हैं। उन्होंने काशी और महामना मदनमोहन मालवीय जी के कार्यों को केन्द्र में रखकर युवाओं को प्रेरित करने का मार्ग सुझाया। उनके मार्गदर्शन के अनुसार, स्वयंसेवकों ने उसी दिशा में काम करना शुरू किया और इसका परिणाम भी दिखने लगा है। पिछले वर्ष का दस दिवसीय कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।
महामना मदनमोहन मालवीय जी का लक्ष्य था कि हर छात्र में स्वधर्म पालन, उच्चतम मानसिक स्तर और परा सत्ता पर अडिग विश्वास हो। महामना जी ने स्वदेशी निष्ठा, नवजागरण और सांस्कृतिक धरोहर के विशाल स्तंभ के रूप में भारत को नवजीवन दिया, और यह हमारी ऐतिहासिक धरोहर का प्रमाण है। महामना का मानववाद भारतीय परंपराओं से जुड़ा हुआ था, और यह सदियों पुरानी समृद्ध और अविच्छिन्न परंपरा का हिस्सा था।
इस वर्ष 'महामना महोत्सव' के माध्यम से, माध्यमिक और उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं के बीच कार्यक्रम आयोजित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हमें उम्मीद है कि इस पुनीत प्रयास को सफलता मिलेगी और यह युवाओं को सही दिशा में प्रेरित करेगा।
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आज के समय में छात्रों में डिप्रेशन और शिक्षा का उद्देश्य
आज के दौर में शिक्षा को लेकर दृष्टिकोण में बहुत बदलाव आया है। पहले शिक्षा का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति को बेहतर इंसान बनाना और समाज में उसकी सक्रिय भूमिका को सुनिश्चित करना था। लेकिन वर्तमान समय में शिक्षा का मुख्य उद्देश्य केवल नौकरी प्राप्त करना बनकर रह गया है। यह बदलाव शिक्षा के उद्देश्य को संकुचित कर रहा है, जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव छात्रों की मानसिक स्थिति पर पड़ रहा है। आजकल स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाई करने वाले छात्र मानसिक दबाव और डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं।शिक्षा और मानसिक दबाव का बढ़ता संबंध
शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलावों के साथ छात्रों पर मानसिक दबाव भी बढ़ गया है। पहले शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान अर्जन और सोचने की क्षमता विकसित करना था, लेकिन आजकल यह केवल नौकरी के अवसर तक सीमित हो गया है। छात्रों पर अकसर यह दबाव होता है कि वे एक अच्छा ग्रेड प्राप्त करें, ताकि उन्हें एक अच्छी नौकरी मिल सके। इस प्रतिस्पर्धी माहौल में न केवल अच्छे अंक प्राप्त करने का दबाव होता है, बल्कि भविष्य में अपनी सफलता की गारंटी भी नौकरी से जोड़ दी गई है। इसके परिणामस्वरूप, छात्रों में मानसिक तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। वे अपनी क्षमताओं और उपलब्धियों के बारे में शक करने लगे हैं, क्योंकि उनका एकमात्र लक्ष्य अब नौकरी प्राप्त करना बन चुका है। वे अपने भीतर आत्मविश्वास की कमी महसूस करने लगे हैं और परिणामस्वरूप उनकी मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ता है।"उतिष्ठ भारत" - युवाओं के लिए एक प्रेरणा
भारत में शिक्षा का उद्देश्य केवल नौकरी प्राप्त करने तक सीमित न रहे, इसके लिए "उतिष्ठ भारत" जैसे कार्यक्रम युवाओं को अपने उद्देश्य को समझने में मदद कर सकते हैं। यह कार्यक्रम युवाओं को यह सिखाता है कि सफलता केवल एक अच्छी नौकरी प्राप्त करने से नहीं आती, बल्कि यह उनके आत्मविश्वास, सोचने की क्षमता और समाज में योगदान देने से जुड़ी होती है। "उतिष्ठ भारत" एक प्रेरणादायक पहल है, जो युवाओं को अपनी दिशा तय करने और अपनी वास्तविक क्षमताओं को पहचानने में मदद करती है। इस प्रकार के कार्यक्रमों से छात्रों को यह समझने का अवसर मिलता है कि उनकी शिक्षा का असली उद्देश्य केवल आर्थिक सुरक्षा हासिल करना नहीं है, बल्कि समाज की भलाई में भागीदार बनना और अपने सपनों को पूरा करना है।Time:
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